चंडीगढ़: चंडीगढ़ में पार्किंग रेट एक बार फिर बढ़ा दिए गए हैं. पार्किंग का कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनियों ने पार्किंग के रेट में 20 फीसदी की वृद्धि कर दी है. जिसके तहत शहर में दुपहिया वाहनों की पार्किंग 7 रूपये प्रति घंटा से बढ़ाकर 14 रूपये प्रति घंटा कर दी गई है. चंडीगढ़ में एलांते मॉल, फन रिपब्लिक समेत कई ऐसी पार्किंग हैं, जहां पर रेट काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं. एलांते मॉल की पार्किंग में दो पहिया वाहन के रेट पार्किंग रेट 28 रुपये और कार की पार्किंग रेट 56 रूपये तक पहुंच (parking rate in Chandigarh) चुके हैं. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है.
गौरतलब है कि इस बार भाजपा समेत तमाम पार्टियों का यही चुनावी मुद्दा था कि लोगों को पार्किंग के महंगे दामों से निजात दिलाई जाएगी, लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद पार्किंग के रेट एक बार फिर से बढ़ा दिए गए हैं. जबकि यह रेट स्मार्ट पार्किंग बनने के बाद बढ़ाए जाने चाहिए थे. इस बारे में ईटीवी भारत से चंडीगढ़ की मेयर सरबजीत कौर ने बताया कि (Mayor Sarabjit Kaur statement on parking rate) पार्किंग चलाने वाली एजेंसियों ने पार्किंग के रेटों में बढ़ोतरी की है, लेकिन हम इसके खिलाफ हैं और पार्किंग के रेट बढ़ने नहीं दिए जाएंगे. सरबजीत कौर ने कहा कि इसके लिए एजेंसियों से बात की जाएगी और उन्हें बढ़े हुए रेट वापस लेने के लिए कहा जाएगा.
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सरबजीत कौर ने कहा कि इन एजेंसियों ने कोविड के नाम पर पहले भी नगर निगम से रियायत ले ली थी. जिसके तहत नगर निगम ने इनकी फीस माफ की थी, लेकिन अब यह कंपनियां दोबारा कोविड के नाम पर फायदा नहीं ले सकती. इसके अलावा मेयर सरबजीत कौर ने कहा कि अगर इन कंपनियों ने स्मार्ट पार्किंग नहीं बनाई, तो इनके ठेके भी रद्द किए जा सकते हैं. मेयर ने कहा कि हमारी तो यह कोशिश है कि लोगों पर पार्किंग का आर्थिक बोझ न पड़े और इसके लिए हम अगली हाउस की मीटिंग में यह मुद्दा लाएंगे कि दुपहिया वाहनों को पार्किंग फ्री में किया जाए.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कंपनियों पर जल्द से जल्द स्मार्ट पार्किंग बनाने का दबाव भी बनाया जाएगा. मेयर ने कहा कि मैं अपने कार्यकाल में स्मार्ट पार्किंग बनवाना चाहती हूं और चंडीगढ़ के लोगों से भी यह कहना चाहती हूं कि पार्किंग के बढ़े हुए रेट जल्द से जल्द वापस ले लिए जाएंगे. गौरतलब है कि पार्किंग के रेट लगातार बढ़ने से ना सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि भाजपा के कई नेता भी विरोध जता रहे हैं.
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बता दें कि चंडीगढ़ में इस समय करीब 8-9 पार्किंग स्थल हैं. जिनमें हर रोज लाखों दुपहिया और कार पार्क किए जाते हैं. पार्किंग का ठेका दो कंपनियों को दिया गया है. जिसमें हर कंपनी को आधे-आधे शहर में पार्किंग सर्विस मुहैया कराने के लिए दिया गया है. इसकी एवज में नगर निगम ने इन दोनों कंपनियों से करोड़ों रूपये का कॉन्ट्रैक्ट किया है. कॉन्ट्रैक्ट में सभी पार्किंग स्थलों को स्मार्ट पार्किंग बनाने की बात कही गई है. जिसमें मोबाइल ऐप विकसित करना, ऑनलाइन पेमेंट करना, पार्किंग के समय का हिसाब रखना, लोगों को ऑनलाइन पार्किंग क्षमता के बारे में जानकारी देना और ऑनलाइन पार्किंग स्थल बुक करने की सुविधा देना शामिल है, लेकिन 2 साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी शहर में स्मार्ट पार्किंग नहीं बन पाई है. वहीं पार्किंग के दामों में लगातार बढ़ोतरी होने से लोगों में काफी रोष है.
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